gyan ki baat

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जो महकता है…उसे कौन बुझा सकता है

फूंक मारकर हम दिए को
बुझा सकते है पर….
अगरबत्ती को नहीं,क्योंकि
जो महकता है…
उसे कौन बुझा सकता है…
और……
जो जलता है वह खुद बुझ
जाता है……!!

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नम्रता ~ साधारण व्यक्ति को भी फ़रिश्ता बना देती है

जीवन में खुशी का अर्थ
लड़ाइयाँ जीतना नहीं,
… बल्कि …

उन से बचना है

कुशलता पूर्वक पीछे हटना भी
अपने आप में एक जीत है

… क्योकि …

अभिमान ~ फरिश्तों को भी
शैतान बना देता है,

… और …

नम्रता ~ साधारण व्यक्ति को भी
फ़रिश्ता बना देती है

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जीत पक्की है

कुछ करना है, तो डटकर चल।
थोड़ा दुनियां से हटकर चल।
लीक पर तो सभी चल लेते है,
कभी इतिहास को पलटकर चल।
बिना काम के मुकाम कैसा?
बिना मेहनत के, दाम कैसा?
जब तक ना हाँसिल हो मंज़िल
तो राह में, राही आराम कैसा?
अर्जुन सा, निशाना रख, मन में,
ना कोई बहाना रख।
जो लक्ष्य सामने है,
बस उसी पे अपना ठिकाना रख।
सोच मत, साकार कर,
अपने कर्मो से प्यार कर।
मिलेंगा तेरी मेहनत का फल,
किसी और का ना इंतज़ार कर।
जो चले थे अकेले
उनके पीछे आज मेले हैं।
जो करते रहे इंतज़ार उनकी
जिंदगी में आज भी झमेले है..

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सुबह की नींद

सुबह की नींद इंसान के इरादों
को कमज़ोर करती है
मंज़िलों को हाँसिल करने वाले
कभी देर तक सोया नहीं करते..।

वो आगे बढ़ते है,जो सूरज को जगाते है,
वो पीछे रह जाते हैं,जिनको सूरज जगाता है ।

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परिंदे रुक मत तुझमे जान बाकी है

परिंदे रुक मत तुझमे जान बाकी है
मन्जिल दूर है, बहुत उड़ान बाकी है…
आज या कल मुट्ठी में होगी दुनियाँ
लक्ष्य पर अगर तेरा ध्यान बाकी है…

यूँ ही नहीं मिलती मंजिल आसानी से
एक से बढ़कर एक इम्तेहान बाकी है…
जिंदगी की जंग में है हौसला जरुरी
जीतने के लिए सारा जहान बाकी है

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बस इंसानियत कहीं-कहीं जन्म लेती है

6 छोटी-छोटी कहानियाँ

( 1 )

एक बार गाँव वालों ने यह निर्णय लिया कि बारिश ☔के लिए ईश्वर से प्रार्थना  करेंगे , प्रार्थना के दिन सभी गाँव वाले एक जगह एकत्रित हुए , परन्तु एक बालक अपने साथ छाता भी लेकर आया ।

इसे कहते हैं आस्था

( 2 )

जब आप एक बच्चे को हवा में उछालते हैं तो वह हँसता  है , क्यों कि वह जानता है कि आप उसे पकड़ लेंगे ।

इसे कहते हैं विश्वास

( 3 )

प्रत्येक रात्रि को जब हम सोने के लिए जाते हैं तब इस बात की कोई गारण्टी नहीं है कि सुबह तक हम जीवित रहेंगे भी कि नहीं , फिर भी हम घड़ी  में अलार्म लगाकर सोते हैं ।

इसे कहते हैं आशा(उम्मीद)

( 4 )

हमें भविष्य के बारे में कोई जानकारी नहीं है फिर भी हम आने वाले कल के लिए बड़ी बड़ी योजनाएं बनाते हैं ।

इसे कहते हैं आत्मविश्वास
—————————————
( 5 )
हम देखरहे हैं कि दुनियाँ कठिनाइयों से जूझरही है फिर भी हम शादी करते हैं ।
इसे कहते हैं प्यार

( 6 )

एक 60 साल की उम्र वाले व्यक्ति की शर्ट पर एक शानदार वाक्य लिखा था , “मेरी उम्र 60 साल नहीं है , मैं तो केवल मधुर – मधुर 16 साल का हूँ , 44 साल के अनुभव के साथ ।”

इसे कहते हैं नज़रिया
—————

जीवन खूबसूरत है , इसे सर्वोत्तम के लिए जियो।

संसार में केवल मनुष्य ही ऐसा एकमात्र प्राणी है
जिसे ईश्वर ने हंसने का गुण दिया है, इसे खोईए मत.

“बिखरने दो होंठों पे हंसी के फुहारों को
दोस्तों,
प्यार से बात कर लेने से जायदाद कम नहीं होती है

इन्सान तो हर घर में पैदा होते हैं….!!
बस इंसानियत कहीं-कहीं जन्म लेती है.

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जिंदगी सिर्फ एक बार मिलती है

जिंदगी सिर्फ एक बार मिलती है,
ये एक झूठ है।
जिंदगी तो हमे रोजाना मिलती है,
मौत ही सिर्फ एक बार मिलती है!!

इन्सान की परेशानियों की सिर्फ दो ही वजह है,
वह तक़दीर से ज्यादा चाहता है
और वक्त से पहले चाहता है!

“जब तक रास्ते समझ में आते है,
तब तक ‘लौटने का वक़्त’ हो जाता है;
यही जिंदगी है!”

अर्जून ने कृष्ण से पुछा..
“ज़हर क्या है”..?
कृष्ण ने बहुत सुन्दर जबाब दिया…

“हर वो चीज़ जो ज़िन्दगी में
॥आवश्यकता से अधिक होती है
वही ज़हर है

फ़िर चाहे वो ताक़त हो, धन हो, भूख हो, लालच हो,

अभिमान हो, आलस हो, मह त्वकाँक्षा हो, प्रेम हो या घृणा..

“जहर ही है”

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तू इंसान है, अवतार नहीं।

तेरे गिरने में, तेरी हार नहीं।
क्योंकि
तू इंसान है, अवतार नहीं।
गिर, उठ, चल, फिर भाग,
जीवन संक्षिप्त है इसका कोई पार नहीं।

कोई नही देगा साथ तेरा यहाँ।
हर कोई खुद ही में मशगूल है।
क्योंकि
जिंदगी का बस एक ही उसूल है।
यहाँ तुझे गिरना भी खुद है।
और संभलना भी खुद ही है।

कोहरे से एक अच्छी बात सीखने को मिली
कि जब जीवन में कोई रास्ता न दिखाई दे रहा
हो तो…
बहुत दूर तक देखने की कोशिश व्यर्थ है
धीरे धीरे एक एक कदम
चलो रास्ता खुलता जायेगा

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हर पल को खुशी से जीने को ही जिंदगी कहते है।

“जिंदगी है छोटी,” हर पल में खुश हूं,
“काम में खुश हूं,” आराम में खुश हू,

“आज पनीर नहीं,” दाल में ही खुश हूं,
“आज गाड़ी नहीं,” पैदल ही खुश हूं,

“दोस्तों का साथ नहीं,” अकेला ही खुश हूं,
“आज कोई नाराज है,” उसके इस अंदाज से ही खुश हूं,

“जिस को देख नहीं सकता,” उसकी आवाज से ही खुश हूँ

“जिसको पा नहीं सकता,” उसको सोच कर ही खुश हूँ

“बीता हुआ कल जा चुका है,” उसकी मीठी याद में ही खुश हूँ
“आने वाले कल का पता नहीं,” इंतजार में ही खुश हूँ

“हंसता हुआ बीत रहा है पल,” आज में ही खुश हूँ
“जिंदगी है छोटी,” हर पल में खुश हूँ

अगर दिल को छुआ, तो जवाब देना,
वरना मै तो बिना जवाब के भी खुश हूँ..!!

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अच्छा दिल और अच्छा स्वभाव दोनो ही आवश्यक है।

पूरे समुंद्र का पानी भी एक जहाज को नहीं डुबा सकता, जब तक पानी को जहाज अन्दर न आने दे।
इसी तरह दुनिया का कोई भी नकारात्मक विचार आपको नीचे नहीं गिरा सकता, जब तक आप उसे अपने अंदर आने की अनुमति न दें।
अच्छा दिल और अच्छा स्वभाव दोनो ही आवश्यक है।
अच्छे दिल से कई रिश्ते बनेगे और अच्छे स्वभाव से वो जीवन भर टिकेगे

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राजा हरिश्चंद्र

राजा हरिश्चंद्र एक बहुत बड़े दानवीर थे। उनकी ये एक खास बात थी कि जब वो दान देने के लिए हाथ आगे बढ़ाते तो अपनी नज़रें नीचे झुका लेते थे।

ये बात सभी को अजीब लगती थी कि ये राजा कैसे दानवीर हैं। ये दान भी देते हैं और इन्हें शर्म भी आती है।

ये बात जब तुलसीदासजी तक पहुँची तो उन्होंने राजा को चार पंक्तियाँ लिख भेजीं जिसमें लिखा था –

ऐसी देनी देन जु
कित सीखे हो सेन।
ज्यों ज्यों कर ऊँचौ करौ
त्यों त्यों नीचे नैन।।

इसका मतलब था कि राजा तुम ऐसा दान देना कहाँ से सीखे हो? जैसे जैसे तुम्हारे हाथ ऊपर उठते हैं वैसे वैसे तुम्हारी नज़रें तुम्हारे नैन नीचे क्यूँ झुक जाते हैं?

राजा ने इसके बदले में जो जवाब दिया वो जवाब इतना गजब का था कि जिसने भी सुना वो राजा का कायल हो गया।
इतना प्यारा जवाब आज तक किसी ने किसी को नहीं दिया।

राजा ने जवाब में लिखा –

देनहार कोई और है
भेजत जो दिन रैन।
लोग भरम हम पर करैं
तासौं नीचे नैन।।

मतलब, देने वाला तो कोई और है वो मालिक है वो परमात्मा है वो दिन रात भेज रहा है। परन्तु लोग ये समझते हैं कि मैं दे रहा हूँ राजा दे रहा है। ये सोच कर मुझे शर्म आ जाती है और मेरी आँखें नीचे झुक जाती हैं।
वो ही करता और वो ही करवाता है, क्यों बंदे तू इतराता है,

एक साँस भी नही है तेरे बस की, वो ही सुलाता और वो ही जगाता है………

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इंसानियत दिल में होती है, हैसियत में नही,

तेरा मेरा करते एक दिन चले जाना है,
जो भी कमाया यही रह जाना है !
कर ले कुछ अच्छे कर्म,
साथ यही तेरे जाना है !
रोने से तो आंसू भी पराये हो जाते हैं,
लेकिन मुस्कुराने से…
पराये भी अपने हो जाते हैं !
मुझे वो रिश्ते पसंद है,
जिनमें ” मैं ” नहीं ” हम ” हो !!
इंसानियत दिल में होती है, हैसियत में नही,
उपरवाला कर्म देखता है, वसीयत नही..

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परिश्रम सौभाग्य की जननी है

दुनिया का हर शौंक पाला नही जाता;
कांच के खिलौनों को उछाला नही जाता;
मेहनत करने से मुश्किले हो जाती है आसान;
क्योंकि हर काम तक़दीर पर टाला नही जाता।
“भाग्य उन्ही पर मेहरबान होता है जो बाँहें चढाकर अपने कंधो को कष्ट देने को तैयार रहते है”
“परिश्रम सौभाग्य की जननी है ”
देने के लिये “दान”, लेने के लिये “ज्ञान”
और त्यागने के लिए “अभिमान” *सर्वश्रेष्ठ है.

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Life is very beautiful

ईश्वर ने हर किसी को कर्म रूपी एक ऐसी कलम दी है, जिसके द्वारा वह अपना भाग्य स्वयं लिख सकता है.!!
जब दुनिया यह कहती है कि ‘हार मान लो’
तो आशा धीरे से कान में कहती है कि.
‘एक बार फिर प्रयास करो’
और यह ठीक भी है.
“जिंदगी आईसक्रीम की तरह है, टेस्ट करो तो भी पिघलती है;.
वेस्ट करो तो भी पिघलती है,
इसलिए जिंदगी को टेस्ट करना सीखो,
वेस्ट तो हो ही रही है.

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मनुष्य का अहंकार

“घमंड” और “पेट” जब ये दोनों बढतें हैं..
तब “इन्सान” चाह कर भी किसी को गले नहीं लगा सकता..
जिस प्रकार नींबू के रस की एक बूँद हज़ारों लीटर दूध को बर्बाद कर देती है…
…उसी प्रकार…
“मनुष्य का अहंकार” भी अच्छे से अच्छे संबंधों को. बर्बाद कर देता है!!!

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धक्का देने को हर शख्स तैयार बैठा है..

हम तो खुशियाँ उधार देने का कारोबार करते हैं,साहब!
कोई वक़्त पे लौटाता नहीं इसीलिए घाटे में चल रहे हैं….💔

जिंदगी के सफर से बस इतना ही सबक सीखा है ..
सहारा कोई – कोई ही देता है धक्का देने को हर शख्स तैयार बैठा है.

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अपने विश्वास में जियो..

लोग अक्सर मुझसे पुछते हैं जगह जगह तुम्हारी बहुत “निन्दा ” हो रही है..
और मेरा एक ही जवाब होता है ।।
” निन्दा” उसी की होती है जो जिन्दा है ।
तारीफ तो हमेशा मरे हुये की होती है…
बस अपने विश्वास में जियो..
अच्छे काम करते रहिये चाहे लोग तारीफ करें या न करें..

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इन्सान को कभी अपने वक़्त पर घमन्ड नही करना चाहिए

इन्सान को कभी अपने वक़्त पर घमन्ड नही करना चाहिए
क्योंकि वक़्त तो उन नोटों का भी नहीं हुआ
जो कभी पूरा बाजार खरीदने की ताकत रखते थे

ज़िन्दगी है साहब, छोड़कर चली जाएगी,

मेज़ पर होगी तस्वीर, कुर्सी खाली रह जाएगी।।”

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जीवन भी कुछ रंगोली जैसा ही है।

हमें पता है कि रंगोली दुसरे ही दिन मिटने वाली है। फिर भी वो ज्यादा से ज्यादा आकर्षक हो, कलात्मक हो, मनमोहक हो.
.. ये हमारी कोशिश रहती है ..

जीवन भी कुछ रंगोली जैसा ही है। हमें पता है जिंदगी एक दिन ख़त्म हो जाएगी।

फिर भी उसे खुबसूरत बनाने की कोशिश करते रहना चाहिए।

.. पल पल .. हर पल..

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हर इंसान दिल का बुरा नहीं होता

रिश्तों की रस्सी कमजोर तब हो जाती है ,…..
जब इंसान गलत फहमी में पैदा होने वाले……
सवालों के जबाब भी खुद ही बना लेता है…..!
हर इंसान दिल का बुरा नहीं होता …… ,
बुझ जाता है दीपक अक्सर
तेल की कमी के कारण…,
हर बार कसूर हवा का नहीं  होता…….!!

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उम्र को हराना है !

उम्र को हराना है तो हर शौक ज़िंदा रखिये….

दोस्त चंद रखिये, पर चुनिन्दा रखिये…..

अच्छे लोगों की संगत में रहो !

क्योंकि “सुनार” का कचरा भी “बनिये” के बादाम से महँगा बिकता है !

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चार कीमती रत्न ..🌹

🌾1.पहला रत्न है:-
” माफी “🙏
तुम्हारे लिए कोई कुछ भी कहे, तुम उसकी बात को कभी अपने मन में न बिठाना, और ना ही उसके लिए कभी प्रतिकार की भावना मन में रखना, बल्कि उसे माफ़ कर देना।🙌🌹

🌾2.दूसरा रत्न है:-
“भूल जाना”👏
अपने द्वारा दूसरों के प्रति किये गए उपकार को भूल जाना, कभी भी उस किए गए उपकार का प्रतिलाभ मिलने की उम्मीद मन में न रखना।🙌🌹

🌾3.तीसरा रत्न है:-
“विश्वास”🙌
हमेशा अपनी मेहनत और उस परमपिता परमात्मा पर अटूट विश्वास रखना । यही सफलता का सूत्र है ।🙌🌹

🌾4.चौथा रत्न है:-
“वैराग्य”😭
हमेशा यह याद रखना कि जब हमारा जन्म हुआ है तो निश्चित ही हमें एक दिन मरना भी है..! इसलिए बिना लिप्त हुए जीवन का आनंद लेना ! वर्तमान में जीना ! यही जीवन का असल सच है..!

🍇🌿🍇🌿🍇🌿🍇🌿
‬: प्रभु कहते है….!!
होती आरती, बजते शंख, पूजा में सब खोए है,
मंदिर के बाहर तो देखो, भूखे बच्चे सोए है,
एक निवाला इनको देना, प्रसाद मुझे चढ जायेगा,
मेरे दर पर माँगने वाले, तुझे बिन माँगे सब मिल जायेगा !

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कामयाब’ व्यक्ति

✍कामयाब’ व्यक्ति की सिर्फ ‘चमक’ लोगों को दिखाई देती है।

उसने कितने ‘अंधेरे’ देखे हैं, यह कोई नहीं जानता..,यदि सपने सच नहीं हो तो
रास्ते बदलो… सिद्धान्त नहीं।

क्योंकि पेड़ हमेशा पत्तियाँ बदलते हैं….जड़ें नहीं

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मस्तीखोर

इंसान को थोडा ” मस्तीखोर ” रहना चाहिये…!!!
” सीरियस ” लोग तो हॉस्पिटल में भी मिलते है….!!
जिसकी मस्ती जिंदा है  उसकी हस्ती जिंदा है
वरना यूँ समझ लो कि वह जबरजस्ती जिंदा है।

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मंजिल तो मिल ही जाएगी

मंजिल तो मिल ही जाएगी, भटक के ही सही!
गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं!!🌹🌹

रख हौंसला, वो मंजर भी आएगा,
प्यासे के पास समंदर भी आएगा,
थक कर ना बैठ, ऐ मंजिल के मुसाफिर,
तुझे मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आएगा!!🌹🌹

हुनर तो सब में होता है, बस फर्क इतना है,

किसी का छिप जाता है,किसी का छप जाता है..!!

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